प्यार मेरा
याद करके प्यार मेरा,
जो कभी दिल तेरा, भर आये,
देखो आँख कहीं भर आये नहीं...
आँखों की बारिशें देखो
अच्छी नहीं होती..,
उदास रहने से , सुना है मैंने,..
चेहरा ख़राब होता है...
तन्हा सा
तन्हा-तन्हा सा है शमा,
शाम तन्हा, आसमान तन्हा..
सड़को पे फिर रहा मैं तन्हा
रात जो हुई तो,
बेरहम तेरी यादें,
फिर से आ गयी मुझे सताने...
लोगों से अब क्यों एक शिकायत सी हो गयी..
तन्हाई अब क्यों अपनी सी हो गयी..
पूछ चुके हैं कई लोग,
क्यों आँखों में तुम्हारी नमी रहने लगी?
इसका क्या जवाब दूँ,
सोच रहा हूँ बैठे बैठे मैं तन्हा..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें