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बुधवार, 10 अक्तूबर 2012

मेरे आंसूं

समेट लिया है दामन में मैंने तेरी यादों को
फिर भी बरस जाते हैं आँखों से मेरे आंसूं

ख्यालों में दबे पाँव जब आती हो तुम
तब बड़े प्यार से मुस्कुराते हैं मेरे आंसूं

दूरियों का अहसास जब करता है मन को पागल
कसम से,जी भर रुलाते हैं मेरे आंसूं

दिल की बातें तुम तक पहुचआऊं कैसे
अक्सर कागज़ पे टपक जाते हैं मेरे आंसूं..

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