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बुधवार, 10 अक्तूबर 2012

तुम बहुत याद आती हो

आज फिर उस पन्ने के तरफ धयान गया,
लिखा था तुमने जिसपे,
फिर मिलेंगे....
सहेज के रखा है अब तक मैंने उस पन्ने को...
की बस एक वही तो है जिसके वजह से,
उम्मीद अब भी है मुझे, तुम वापस आओगे....

उसी पन्ने के एक कोने पे ये भी लिखा था तुमने..
हमेशा मुस्कुराते रहना,हर पल मैं साथ रहूंगी..
आज भी मुश्किल दिनों में,
वो बातें लिखी हुई ,
मेरे चेहरे पे मुस्कान दे जाती है....
तुम बहुत याद आती हो...

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